दिव्य शक्ति
… दिव्य शक्ति न केवल प्रेरणा देती है और पथ प्रदर्शन करती है, बल्कि तुम्हारें सभी कर्मों का सूत्रपात करती और उन्हें सम्पन्न भी करती...
… दिव्य शक्ति न केवल प्रेरणा देती है और पथ प्रदर्शन करती है, बल्कि तुम्हारें सभी कर्मों का सूत्रपात करती और उन्हें सम्पन्न भी करती...
माताजी, जल्दी सोना और जल्दी जागना कैसे लाभप्रद होता है ? जब सूर्यास्त होता है तो धरती पर एक प्रकार की शांति उतरती है और...
बाहरी और भीतरी अनुशासन के बिना तुम जीवन में कुछ भी नहीं पा सकते, न तो आध्यात्मिक और न ही जड़-भौतिक स्तर पर । वे...
अगर तुम बीमार पड़ते हो तो तुम्हारी बीमारी की इतनी व्याकुलता और भय से देख-रेख की जाती है, तुम्हारी इतनी परिचर्या की जाती है कि...
जब हम मानसिक प्रवुत्तियों में अथवा बुद्धि के व्यापारों में एकाग्र रहते हैं, तब कभी-कभी भगवान को क्यों भूल जाते अथवा उनका स्पर्श क्यों गवां...
“श्रद्धा के साथ जो कोई भक्त मेरे जिस किसी रूप को पूजना चाहता है, मैं उसकी वही श्रद्धा उसमें अचल-अटल बना देता हूँ। ” वह...
अहंकार हमेशा यही सोचता रहता है कि वह क्या चाहता है और उसे क्या नहीं मिला – यही उसकी सतत तल्लीनता होती है । आत्मा...
यह सोचना भूल है कि एक विचार अथवा संकल्प केवल तभी प्रभाव डाल सकता है जब वह वचन या कर्म में अभिव्यक्त किया जाता है...
केवल थे सुरक्षित जिन्होने सँजोये रखा भगवान को अपने हृदय में अपने: साहस की ढाल और श्रद्धा का लेकर कृपाण, उन्हें चलना होगा , भुजाएँ...
…श्रीअरविंद के आशीर्वाद का आनन्द पाने के बाद, ज्यादा अच्छा यह है कि एकाग्र रहा जाये और औरों के साथ घुल-मिल कर बातें करते हुये...