
अहंकार और आत्मा
अहंकार हमेशा यही सोचता रहता है कि वह क्या चाहता है और उसे क्या नहीं मिला – यही उसकी सतत तल्लीनता होती है । आत्मा...
अहंकार हमेशा यही सोचता रहता है कि वह क्या चाहता है और उसे क्या नहीं मिला – यही उसकी सतत तल्लीनता होती है । आत्मा...
…श्रीअरविंद के आशीर्वाद का आनन्द पाने के बाद, ज्यादा अच्छा यह है कि एकाग्र रहा जाये और औरों के साथ घुल-मिल कर बातें करते हुये...
(एक शिष्य को श्रीमां का पत्र) मानव जीवन में सभी कठिनाइयों, सभी विसंगतियों, सभी नैतिक कष्टों का कारण है हर एक के अन्दर अहंकार की...
नियंत्रण के बिना कोई समुचित काम संभव नहीं है । नियंत्रण के बिना समुचित जीवन संभव नहीं है । और सबसे बढ़कर, नियंत्रण के बिना...
हर एक पहले अपने लिए जिम्मेदार है ; और अगर तुम औरों की सहायता करने की अभीप्सा रखते हो तो तुम जैसा होना चाहिये, उसका...
तुम्हें अपने अध्यवसाय में सच्चा होना चाहिये ; तब तुम आज जो चीजें नहीं कर सकती उन्हें नियमित और आग्रहपूर्ण प्रयासों के बाद एक दिन...
माँ, मुझे अधिक शांत बनाओ । हर बार जब तुम्हें बेचैनी का अनुभव हो तो तुम्हें बाहर आवाज़ दिये बिना,साथ ही मेरे बारे में...
जब तुम अपने हृदय और विचार में मेरे ओर श्रीअरविन्द के बीच कोई भेद न करोगे, जब अनिवार्य रूप से श्रीअरविन्द के बारे में सोचना...
मेरे प्रभु के नाम पर, मेरे प्रभु के लिए, मेरे प्रभु के संकल्प के साथ, मेरे प्रभु की शक्ति द्वारा इसी क्षण से हमें तंग...
जो लोग मिथ्यात्व से पीछा छुड़ाने के लिये उत्सुक हैं, उनके लिये एक उपाय है : अपने-आपको खुश करने की कोशिश न करो, औरों...