
भौतिक जीवन में बदलाव
जब तुम भौतिक जीवन की कोई चीज़ बदलना चाहो, चाहे वह चरित्र हो या अंगों की संचालन-क्रिया हो या आदतें, तुम्हें स्थिर अधव्यसाय के साथ...
जब तुम भौतिक जीवन की कोई चीज़ बदलना चाहो, चाहे वह चरित्र हो या अंगों की संचालन-क्रिया हो या आदतें, तुम्हें स्थिर अधव्यसाय के साथ...
जैसे ही किसी अभिव्यक्ति से समस्त प्रयास लुप्त हो जाता है, सारी चीज़ बहुत सरल हो जाती है, खिलते हुए फूल की तरह सरल जो...
एक सामान्य नियम के रूप में ज्यादा अच्छा यह है कि जो चीजें तुम्हारे काम से सम्बन्धित नहीं हैं उनमें हस्तक्षेप न करो । संदर्भ...
यह पृथ्वी तब तक सजीव और स्थायी शांति का उपभोग नहीं कर सकतीं जब तक मनुष्य अपने अन्तर्राष्ट्रीय व्यवहारों में भी पूर्ण रूप से सत्यपरायण...
१. बुद्ध और शंकर के मत: जगत् एक भ्रम है, वह अज्ञान के कारण, अज्ञान और दुःख का क्षेत्र है। करने लायक चीज़ बस यही...
क्या काल्पनिक कहानियों का कोई मूल्य नहीं होता? यह निर्भर करता है कल्पना के स्वरूप पर। यदि तुम यह कहो कि अपनी कल्पना-शक्ति को विकसित...
आत्म-रति भयानक बाधा है । प्रभु-रति महान उपचार है । संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
हर एक को अपनी निश्चिति अपने ही अन्दर खोजनी चाहिये, सब चीजों के बावजूद इसे बनाये, संभाले रखना चाहिये और किसी भी कीमत पर, लक्ष्य...
हर बार जब कोई व्यक्ति उस संकीर्ण सीमा को तोड़ता है जिसमें उसके अहं ने उसे बन्द कर रखा है, जैसे ही वह आत्म-दान के...
अपनी मान्यता को साथ रखो यदि तुमको यह लगता हो कि वह तुम्हारें जीवन के निर्माण में सहायक है ; पर समझ लो कि यह...