सोने के पहले एकाग्रता
जब तुम सोने के पहले एकाग्र होते हो तब तुम नींद में भागवत शक्ति के सम्पर्क में रहते हो। लेकिन जब तुम पहले एकाग्र हुए...
जब तुम सोने के पहले एकाग्र होते हो तब तुम नींद में भागवत शक्ति के सम्पर्क में रहते हो। लेकिन जब तुम पहले एकाग्र हुए...
स्वाधीनता बाहरी परिस्थितियों से नहीं , आंतरिक मुक्ति से आती है । अपनी अंतरात्मा को खोजो, उसके साथ एक हो , उसें अपने जीवन पर...
कुछ लोगों को प्रार्थना पसन्द नहीं ; अगर वे अपने हृदय की गहराई में जायें तो देखेंगे कि यह घमण्ड है – उससे भी बढ़...
तुम्हें अकेलापन इसलिये लगता है क्योंकि तुम्हें प्रेम की आवश्यकता मालूम होती है। बिना किसी मांग के प्रेम करना सीखो, केवल प्रेम के आनंद के...
तुम उस प्रेम से खुश नहीं होते जो कोई और तुम्हारे लिए अनुभव करता है। तुम्हें औरों के लिए जो प्रेम अनुभव होता है वह...
शाश्वत शांति और नीरवता में प्रकट होते हैं, किसी चीज़ से तुम अपने-आपको क्षुब्ध न होने दो तो शाश्वत अभिवक्त होंगे। सभी के लिए पूर्ण...
‘भागवत उपस्थिति’ दिन-रात सतत मौजूद है । चुपचाप अन्दर की ओर मुड़ना काफी है और हम उसे पा लेंगे । संदर्भ :माताजी के वचन (भाग...
मधुर माँ , एक लम्बे अरसे से मैं देख रहा हूँ कि मैं कुछ लजीला-सा हूं । मेरे अन्दर हीन-भावना है । मेरा ख्याल है...
कभी मत बुड़बुड़ाओ । जब तुम बुड्बुड़ाते हो तो तुम्हारे अन्दर सब तरह की शक्तियां घुस जाती हैं और तुम्हें नीचे खींच लेती हैं ।...
श्रीअरविंद धरती पर अतिमासनिक जगत की अभिव्यक्ति की घोषणा करने आये थे और उन्होने इस अभिव्यक्ति की घोषणा ही नहीं की बल्कि अंशत: अतिमानसिक शक्ति...