श्रीअरविंद

समस्त योग का उद्देश्य

चेतना के परिवर्तन द्वारा वस्तुओं की बाहरी प्रतीतितियों से निकल कर उनके पीछे की सच्चाई में जाना समस्त योग का…

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माताजी की सतत उपस्थिति

​माताजी की सतत उपस्थिति अभ्यास के द्वारा आती हे; साधना में सफलता पाने के लिये भागवत कृपा अत्यंत आवश्यक है, पर अभ्यास…

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श्रीमाँ की ज्योति

कुछ लोगो को श्रीमाँ के चारों और ज्योति आदि के दर्शन होते हैं पर मुझे नहीं होते । मेरे अंदर…

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पूर्णयोग

यह योग सत्ता के रूपांतरण का योग है, न कि मात्र आंतरिक सत्ता या भगवान की उपलब्धि का, यद्यपि इसके…

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अतिमानसिक विज्ञान

जब मानसिकता पीछे छूट जाती है तथा निष्क्रिय नीरवता में दूर चली जाती है, केवल तभी अतिमानसिक विज्ञान का पूर्ण…

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सोने के पहले की प्रार्थना

(प्रभो), दिन के साथ - साथ रात में भी हमेशा मेरे साथ रहो। वर दो कि जाग्रत अवस्था के साथ-साथ…

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साधक का अंतिम लक्ष्य

साधक का अंतिम लक्ष्य क्या होना चाहिये? क्या योगी बनना नहीं होना चाहिये ? भगवान के साथ पूर्ण रूप से…

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आश्वासन

श्रीमाँ तथा श्रीअरविंद की सहायता हमेशा तुम्हारें लिए प्रस्तुत है । तुम्हें पूरी तरह से उसके प्रति मुड़ना-भर है और…

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आवश्यक निद्रा

रात को जागते रहने की कोशिश करना ठीक मार्ग नहीं है; आवश्यक निद्रा का निग्रह करने से शरीर तामसिक हो…

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संसार में चलने के लिए

. . . संसार का  जीवन अपने स्वभाव में अशांति का क्षेत्र है - उचित तरीके से उस पर चलने…

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