मधुर माँ, हम स्वप्न में अच्छे और बुरे में कैसे फ़र्क़ कर सकते हैं। सिद्धांत रूप में, नींद के क्रिया-कलाप…
अगर तुम जीवन में एक भूल करो तो हो सकता है कि तुम्हें सारे जीवन कष्ट उठाना पड़े। इसका यह…
ध्यान के द्वारा प्राप्त किया गया अचंचल मन सचमुच बहुत कम समय के लिए रहता है, क्योंकि जैसे ही तुम…
(अधिकतर साधक) अहंकारी होते हैं और वे अपने अहंभाव को अनुभव या स्वीकार नहीं करते। उनकी साधना में भी 'मैं'…
अवतार की सम्भावना पर विश्वास करने या न करने से प्रकट तथ्य पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। अगर भगवान किसी…
मधुर माँ, यहाँ अपने कमरे में बैठ कर ध्यान करने और सबके साथ खेल के मैदान में ध्यान के लिए…
यदि चैत्य पुरुष की प्रकृति जाग्रत हो जाए, अपने पीछे विद्यमान माताजी की चेतना और शक्ति के द्वारा तुम्हारा पथ-प्रदर्शन…
भागवत चेतना की विभिन्न अवस्थाएँ होती हैं। रूपांतर की भी विभिन्न अवस्थाएँ होती है। पहली है, चैत्य रूपांतर, जिसमें चैत्य…
मधुर मां, हम ईर्ष्या और प्रमाद से कैसे पिण्ड छुड़ा सकते या उन्हें ठीक कर सकते हैं ? स्वार्थ तुम्हें…
माँ, क्या अपने अन्दर रोगमुक्त करने की क्षमता विकसित करना सम्भव है? सिद्धान्त रूप में, सचेतन रूप से दिव्य शक्ति…