हे प्रभो, प्रेम के मधुर स्वामी, तू हमें अन्धकार में से बाहर निकालता है ताकि हम चेतना की ओर जागें,…
अगर तुम उदास हो, अगर तुम अपने-आपको दुखी अनुभव करते हो, अगर तुम जो कुछ हाथ में लेते हो उसी…
सर्वदा अनुभव करो और अपने बढ़ते हुए अनुभवों के प्रकाश में कार्य करो, पर केवल तर्क-वितर्क करने वाले मस्तिष्क के…
मेरे जीवन की जीवन ! मेरी अपनी मधुरतम माँ ! मेरे प्रेम को स्वीकार करो और जैसा तुम बरसों से…
श्रीअरविंद परम पुरुष के यहाँ से धरती पर एक नयी जाति और एक नए जगत - 'अतिमानसिक '-की घोषणा करने…
कोई संस्था प्रगतिशील हुए बिना जीवित नहीं रह सकती । सच्ची प्रगति है हमेशा 'भगवान' के अधिक निकट आना ।…
श्रद्धा, भगवान् के ऊपर निर्भरता, भागवत शक्ति के प्रति आत्म-समर्पण और आत्मदान-ये सब आवश्यक और अनिवार्य हैं। परन्तु भगवान् के…
अपनी अशुद्धियों के बारें में बहुत अधिक सोचते रहने से सहायता नहीं मिलती। अच्छा तो यही है कि अपने मन…
मेरी प्यारी माँ, मेरा हृदय तुम्हारें चरणों की ओर दौड़ना चाहता है और अपने-आपको तुम्हारे अन्दर खो देना चाहता है…
जिस प्रकार किसी तारे का प्रकाश उस तारे के मिट जाने के सैकड़ों वर्ष बाद पृथ्वी पर पहुंचता है, उसी…