प्राचीन चीज़ें और पूर्ण योग

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मैं रामायण - महाभारत की कहानियों और तुलसी, कबीर, मीरा आदि के गीतों पर बहुत ज़ोर देता हूँ। क्या इन…

अपने आप को खोलो

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सच्चाई के साथ अपने-आपको खोलो। इसका अर्थ यह है की बिना अपने अंदर कुछ भी छिपाये हुए, पूरी तरह खोलो;…

नम्रता

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नम्रता चेतना की वह अवस्था है जिसमें तुम्हारी उपलब्धि चाहे जितनी क्यों न हो, तुम्हें यह भान रहता है कि…

निम्न प्रकृति और उसकी बाधाएँ

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निम्न प्रकृति तथा इसकी बाधाओं पर अधिक सोच-विचार करना भूल है क्योंकि यह साधना का नकारात्मक पहलू है। उन पर…

सुख और शांति

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सुखी और शांत होने का सबसे अच्छा उपाय है भगवान के प्रति गहराई में, तीव्रता के साथ सतत कृतज्ञता का…

अनुशासन की अनिवार्यता

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सामुदायिक जीवन में अनिवार्य रूप से अनुशासन होना चाहिये ताकि मजबूत कमजोर के साथ दुर्व्यवहार न कर सके; और जो…

भारत के विषय में

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भारत को जगत् का आध्यात्मिक नेता होना ही चाहिये । अन्दर तो उसमें क्षमता है, परन्तु बाहर... अभी तो सचमुच…

प्रकाश – श्रीअरविन्द की कविता

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प्रकाश, अन्तहीन प्रकाश! अंधेरे को नहीं अब अवकाश, जीवन की अज्ञानी खाइयां तज रहीं अपनी गोपनता : विशाल अवचेतन-गहराइयां जो…

सम्पूर्ण आत्मसमर्पण

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एकदम आरम्भ से ही आत्मसमर्पण का पूर्ण होना सम्भव नहीं हैं न? साधारण रूप में नहीं। इसमें थोड़ा-बहुत समय लगता…