स्वाधीनता


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

स्वाधीनता बाहरी परिस्थितियों से नहीं बल्कि आन्तरिक मुक्ति से आती है । अपनी आत्मा को पहचानो, उसके साथ एक हो जाओ , वह तुम्हारें जीवन पर शासन करे, और तुम स्वतंत्र हो जाओगे।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)


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