सुख


श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ

तुम जो सुख पाते हो उसकी अपेक्षा तुम जो सुख देते हो वह तुम्हें ज़्यादा सुखी बनाता है ।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग – २)


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