सावधान रहा करो


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

मेरे नाम से तुम्हें जो कुछ सुनाया जाता है उसके बारे में सावधान रहा करो। वह बात जिस भाव से कही जाती है वह गुम हो जाता है।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)


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