सहायता की आशा


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

माँ, मुझे लगता है कि मैं बहुत ही छिछोरा व्यक्ति हूँ। क्या आप मुझे बदलोगी नहीं ?

मैं तुम्हें बदल कर बहुत खुश होउंगी, लेकिन क्या तुम्हें पूरा विश्वास है कि तुम्हारे अन्दर जो चीज़ छिछोरी है वह बदलना चाहती भी है ?

तुम मुझसे सहायता की आशा कैसे करते हो जब तुम्हें मेरे ऊपर भरोसा ही नहीं है !

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)


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