समुचित मनोभाव


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

सब कुछ माताजी पर छोड़ देना, पूर्ण रूप से उन्ही पर भरोसा रखना और उन्हें लक्ष्य की ओर ले जाने वाले पथ पर अपने को ले जाने देना ही समुचित मनोभाव है।

संदर्भ : माताजी के विषय में 


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