सबसे पहली आवश्यकता


Sri Aurobindo photographed in his room

अगर मन चंचल हों तो योग की नींव डालना संभव नही। सबसे पहले यह आवश्यक है कि मन अचंचल हो । और व्यक्तिगत चेतना का लय कर देना भी इस योगका प्रथम उद्देश्य नही है, बल्कि प्रथम उद्देश्य है व्यक्तिगत चेतनाको एक उच्चतर आध्यात्मिक चेतना की ओर खोल देना और इसके लिये भी जिस बात की सबसे पहले आवश्यकता हैं वह है मनकी अचंचलता।

सन्दर्भ : श्रीअरविंद के पत्र (भाग – २)


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