भौतिक चेतना के साथ सम्बंध रखने वाली किसी भी चीज़ के लिए लोभ, तथाकथित आवश्यकताओं और किसी भी प्रकार के आराम के लिए लोभ – यह साधना मार्ग की सबसे गंभीर बाधाओं में से एक है ।
लोभ से तुम जो भी छोटी-मोती तुष्टियाँ पाते हो उनमें से हर एक लक्ष्य की ओर एक पग पीछे हटना है ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
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