मधुर माँ,
दो मानव सत्ताओं के बीच सबसे अच्छा संबंध कौन सा है ? माँ – बेटे का ? भाई, मित्र या प्रेमी का ?
सिद्धांततः सभी संबंध अच्छे हैं और हर एक शाश्वत के एक रूप को प्रकट करता है। लेकिन हर एक मानव प्रकृति के स्वार्थपूर्ण मिथ्यात्व के कारण विकृत होकर बुरा बन सकता है जो उनकी शुद्धता में प्रेम के स्पंदनों को प्रकट हों से रोकता है ।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
जो मनुष्य पसंदगी और नापसंदगी से, कामनाओं-वासनाओं से, और अपनी अभिरुचियों से एकदम ऊपर उठ…
तुम श्रीअरविन्द पर अपनी श्रद्धा अमुक शब्दों में अभिव्यक्त करते हो और तुम्हारे लिए ये…
वस्तुतः, तुम्हें केवल उन्हीं व्यक्तियों को अपने मित्र के रूपमें चुनना चाहिये जो तुमसे अधिक…
यह (थकावटका कारण) शायद कोई कामना अथवा प्राणिक अभिरुचि है —प्राण की पसन्दगी और नापसन्दगी…