एक पन्द्रह वर्ष की लड़की ने पूछा, “सत्य क्या है?”
मैंने उत्तर दिया, “परम प्रभु की इच्छा।”
यह चिन्तनात्मक ध्यान के लिए विषय है।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
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