सतत उपस्थिति


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

​हमेशा इस तरह रहो मानों तुम परात्पर प्रभु और भगवती माता की आंखों के एकदम नीचे हो । कोई ऐसा काम मत करो, कुछ भी ऐसा सोचने और अनुभव करने की चेष्टा मत करो जो भागवत उपस्थिति के लिये अनुपयुक्त हो ।

संदर्भ : माताजी के विषय में 


0 Comments