मधुर माँ,
आप अपने ‘वार्तालाप’ में कहती हैं कि हमें सच्ची आध्यात्मिक अनुभूति पाने के लिए डुबकी लगानी चाहिये। क्या उसे केवल अभीप्सा द्वारा पाना सम्भव है या कोई और विधि या अनुशासन भी अपनाना ज़रूरी है?
सब कुछ सम्भव है। यदि सातत्य और निष्कपट सच्चाई के साथ अनुसरण किया जाये तो सभी मार्ग लक्ष्य तक ले जाते हैं।
हर एक के लिए यही अच्छा है कि वह अपना मार्ग खोजें, लेकिन इसके लिए अभीप्सा उत्साहपूर्ण, संकल्प निष्कंप और धैर्य अचूक होने चाहियें।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड -१६)
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