मुर्ग़ी और  उसके बच्चे का एक दृष्टांत सुनो :

गौतम बुद्ध अपने शिष्यों से कहते थे कि  तुम अपनी ओर से पूरा-पूरा प्रयत्न करो और विश्वास रखो कि उन प्रयत्नों का फल तुम्हें मिलेगा ही।

वे कहा करते थे, “जिस प्रकार मुर्ग़ी अंडे लेकर उन्हें सेती है और इस बात की ज़रा भी चिंता नहीं करती कि उसके बच्चे अपनी चोचों से अंडे फोड़ कर दिन के प्रकाश में आ जाने में समर्थ होंगे या नहीं, उसी प्रकार तुम्हें भी डरना नहीं चाहिये। ‘सत्य मार्ग’ पर दृढ़ रहोगे तो तुम भी प्रकाश तक पहुँचोगे।”

ठीक राह पर चलना, विपत्तियों, आँधियों, अंधकार और दुःख का सामना करना, डटे रहना, कुछ भी हो जाये, सदा आगे प्रकाश की ओर बढ़ने के प्रयत्न में लगे रहना – यही सच्चा साहस है।

बुद्ध हमेशा विश्व के आदि और अंत के बारे में तात्विक प्रश्नों का उत्तर देने से साफ़ इंकार किया करते थे। वे कहते थे : बस एक ही बात का महत्व है ; मार्ग पर आगे बढ़े चलो, यानी, अपनी आंतरिक शुद्धि करो, अपने अंदर समस्त अहंकार-भरी इच्छा का नाश कर दो।

संदर्भ : पहले की बातें 

शेयर कीजिये

नए आलेख

अपने चरित्र को बदलने का प्रयास करना

सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…

% दिन पहले

भारत की ज़रूरत

भारत को, विशेष रूप से अभी इस क्षण, जिसकी ज़रूरत है वह है आक्रामक सदगुण,…

% दिन पहले

प्रेम और स्नेह की प्यास

प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…

% दिन पहले

एक ही शक्ति

माताजी और मैं दो रूपों में एक ही 'शक्ति' का प्रतिनिधित्व करते हैं - अतः…

% दिन पहले

पत्थर की शक्ति

पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…

% दिन पहले

विश्वास रखो

माताजी,  मैं आपको स्पष्ट रूप से बता दूँ कि में कब खुश नहीं रहती; जब…

% दिन पहले