श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

सचेतन अभीप्सा की अवस्था

अगर तुम सचेतन अभीप्सा की अवस्था में हो, बहुत सच्चे हो तो बस, तुम्हारें इर्द-गिर्द सारी चीज़ें, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से, अभीप्सा में मदद करने के लिए सुव्यवस्थित कर दी जायेंगी, यानि, या तो तुमसे प्रगति करवाने के लिए, किसी नयी चीज़ के संपर्क में लाने के लिए, या फिर तुम्हारें स्वभाव में से किसी ऐसी चीज़ को उखाड़ फेंकने के लिए मदद करेंगी जिसे विलुप्त हो जाना चाहिये। यह काफी अपूर्व बात है। अगर तुम सचमुच अभीप्सा की तीव्रता की अवस्था में होओ तो ऐसी कोई परिस्थिति नहीं जो इस अभीप्सा को चरितार्थ करने के लिए तुम्हारी सहायता करने न आये।

संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५४

शेयर कीजिये

नए आलेख

प्रार्थना

(जो लोग भगवान की  सेवा  करना चाहते हैं  उनके लिये एक प्रार्थना ) तेरी जय…

% दिन पहले

आत्मा के प्रवेश द्वार

यदि तुम्हारें ह्रदय और तुम्हारी आत्मा में आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए सच्ची अभीप्सा jहै, तब…

% दिन पहले

शारीरिक अव्यवस्था का सामना

जब शारीरिक अव्यवस्था आये तो तुम्हें डरना नहीं चाहिये, तुम्हें उससे निकल भागना नहीं चाहिये,…

% दिन पहले

दो तरह के वातावरण

आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिनमें…

% दिन पहले

जब मनुष्य अपने-आपको जान लेगा

.... मनुष्य का कर्म एक ऐसी चीज़ है जो कठिनाइयों और परेशानियों से भरी हुई…

% दिन पहले

दृढ़ और निरन्तर संकल्प पर्याप्त है

अगर श्रद्धा हो , आत्म-समर्पण के लिए दृढ़ और निरन्तर संकल्प हो तो पर्याप्त है।…

% दिन पहले