श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

श्रीमाँ के साथ संपर्क

जिन सत्ताओं का एक जीवन में आपके साथ संपर्क स्थापित हो जाता है क्या वे अपने नये जीवनों में हमेशा लौट कर आपके पास ही आती हैं ?

ऐसी सत्ताओं की संख्या बहुत ही कम है जो अपने चुने हुए स्थान पर सचेतन रूप से वापिस आती हैं ।

जो वापिस आयी हैं वे अधिकतर ऐसी सत्ताएँ हैं जिन्होने अपना शरीर छोड़ने से पहले नये शरीर में वापिस आने की मांग की थी।

लेकिन सब कुछ संभव है।

आशीर्वाद।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१७)

शेयर कीजिये

नए आलेख

अवलोकनों का प्रशिक्षण

तुम्हारा अवलोकन बहुत कच्चा है। ''अन्दर से'' आने वाले सुझावों और आवाजों के लिए कोई…

% दिन पहले

रूपान्तर होगा ही होगा

क्षण- भर के लिए भी यह विश्वास करने में न हिचकिचाओ कि श्रीअरविन्द नें परिवर्तन…

% दिन पहले

अपने चरित्र को बदलने का प्रयास करना

सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…

% दिन पहले

भारत की ज़रूरत

भारत को, विशेष रूप से अभी इस क्षण, जिसकी ज़रूरत है वह है आक्रामक सदगुण,…

% दिन पहले

प्रेम और स्नेह की प्यास

प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…

% दिन पहले

एक ही शक्ति

माताजी और मैं दो रूपों में एक ही 'शक्ति' का प्रतिनिधित्व करते हैं - अतः…

% दिन पहले