जिन सत्ताओं का एक जीवन में आपके साथ संपर्क स्थापित हो जाता है क्या वे अपने नये जीवनों में हमेशा लौट कर आपके पास ही आती हैं ?
ऐसी सत्ताओं की संख्या बहुत ही कम है जो अपने चुने हुए स्थान पर सचेतन रूप से वापिस आती हैं ।
जो वापिस आयी हैं वे अधिकतर ऐसी सत्ताएँ हैं जिन्होने अपना शरीर छोड़ने से पहले नये शरीर में वापिस आने की मांग की थी।
लेकिन सब कुछ संभव है।
आशीर्वाद।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१७)
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…