मधुर माँ,
आप हमारी तरह क्यों नहीं आयीं? आप सचमुच जैसी है उस तरह क्यों नहीं आयीं?
क्योंकि अगर मैं तुम्हारी तरह न आती, तो मैं कभी तुम्हारे निकट न हो पाती और मैं तुमसे यह न कह पाती : “मैं जो हूँ वह बनो ।”
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)
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