…श्रीअरविंद के आशीर्वाद का आनन्द पाने के बाद, ज्यादा अच्छा यह है कि एकाग्र रहा जाये और औरों के साथ घुल-मिल कर बातें करते हुये अपना हर्ष फेंक देने की जगह उसे अपने अन्दर ताले-चाबी में बन्द करके रखा जाये।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
…श्रीअरविंद के आशीर्वाद का आनन्द पाने के बाद, ज्यादा अच्छा यह है कि एकाग्र रहा जाये और औरों के साथ घुल-मिल कर बातें करते हुये अपना हर्ष फेंक देने की जगह उसे अपने अन्दर ताले-चाबी में बन्द करके रखा जाये।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
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