श्रीअरविन्द निरन्तर हमारे साथ हैं और जो लोग उन्हें देखने और सुनने के लिए तैयार हैं उनके आगे अपने- आपको प्रकट करते हैं ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग – १)
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…