मधुर माँ ,
जब कोई नया आदमी आकर पूछें कि श्रीअरविंदआश्रम क्या हैं, तो हम ऐसा क्या जवाब दे सकते हैं जो संक्षिप्त भी हो और एकदम ठीक भी ।
आश्रम एक नये जगत का, आगामी कल के सृजन का पालना है ।
और अगर तुमसे और भी प्रश्न किये जायें तो बस यही कहो : आपको श्रीअरविंद की किताबें पढ़नी और उनकी शिक्षा का अध्ययन करना चाहिये।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…