शिष्टाचार


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

जो लोग अपनी आजीविका के लिए तुम पर निर्भर हैं उनके साथ तुम्हें बहुत शिष्ट होना चाहिये। अगर तुम उनके साथ बुरा व्यवहार करो तो उन्हें बहुत खटकता है, परंतु नौकरी छूट जाने के भाय से वे तुम्हारें मुंह पर जवाब नहीं दें सकते ।

अपने से बड़ों के साथ रूखे होने में कुछ प्रतिष्ठा हो सकती है, परंतु जो तुम पर आश्रित हैं, उनके साथ तो बहुत शिष्ट होने में ही प्रतिष्ठा है ।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)


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