शांति के साथ


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

हमारा मार्ग बहुत लम्बा है और यह अनिवार्य है कि अपने-आपसे पग-पग पर यह पूछे बिना कि हम आगे बढ़ रहे हैं यह नहीं, शांति के साथ आगे बढ़ा जाये।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड -१६)


0 Comments