व्यवस्था और नियम


श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ के विचार

व्यवस्था हम अवश्य करें, किन्तु व्यवस्था या नियम बनाने और उसके पालन में भी हमें सदा इस सत्य पर दृढ़ विश्वास बनाये रखना चाहिये कि सभी व्यवस्थाएं या नियम अपनी प्रकृति में अल्पकालिक और अपूर्ण है ।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी खण्ड-१७


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