व्यवस्था


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ का चित्र

काम में व्यवस्था और सामंजस्य होने चाहियें। जो काम यूं देखने में बिलकुल नगण्य हो उसे भी पूर्ण पूर्णता के साथ, सफाई, सुंदरता, सामंजस्य और सुव्यवस्था के साथ करना चाहिये।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)


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