मैं तो सिर्फ उस सबको कार्यान्वित कर रही हूँ जिसे उन्होने ध्यानस्थ और हृदयस्थ किया ।
मैं तो मात्र मुख्य-क्रिया-केंद्र हूँ और उनके कार्य की निरंतरता का माध्यम हूँ ।
संदर्भ : श्रीमाँ का एजेंडा (भाग-१)
मैं तो सिर्फ उस सबको कार्यान्वित कर रही हूँ जिसे उन्होने ध्यानस्थ और हृदयस्थ किया ।
मैं तो मात्र मुख्य-क्रिया-केंद्र हूँ और उनके कार्य की निरंतरता का माध्यम हूँ ।
संदर्भ : श्रीमाँ का एजेंडा (भाग-१)
0 Comments