विश्वास बनाये रखो


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

यह कहने की जरूरत नहीं कि मेरी सहायता और शक्ति तीव्रता के साथ उन लोगों के साथ है जो मेरे साथ मिलकर इस वस्तुस्थिति के साथ जूझ रहे हैं। मैं बस उनसे इतना ही चाहती हूँ कि वे विश्वास बनाये रखे और सहन करें।

सत्य की विजय अवश्य होगी । साहस बनाए रखो।

प्रेम और आशीर्वाद के साथ ।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१७)


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