विनम्रता


महर्षि श्रीअरविंद अपने कक्ष में

निस्संदेह, तुम (महान हुए बिना) योग कर सकते हो। महान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके विपरीत, विनम्रता सबसे पहली आवश्यकता है, क्योंकि जिस व्यक्ति में अंधकार और गर्व है वह परमोच्च सत्य को नहीं प्राप्त कर सकता ।

संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र (भाग-२)


0 Comments