प्रत्येक रोग स्वस्थता के किसी नवीन आनंद की ओर जाने का एक पथ है, प्रत्येक अमंगल और दुख-ताप प्रकृति का किसी अधिक तीव्र आनंद और मंगल के लिए स्वर मिलाना है, प्रत्येक मृत्यु विशालतम अमरत्व की ओर एक उद्घाटन है। क्यों और कैसे यह बात ऐसी हो सकती है – यह भगवान का गुप्त रहस्य है जिसकी तह में केवल अहंकार-विमुख अंतरात्मा ही पैठ सकता है ।
संदर्भ : विचारमाला और सूत्रावली
श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व…
... सामान्य व्यक्ति में ऐसी बहुत-से चीज़ें रहती हैं, जिनके बारे में वह सचेतन नहीं…
भगवान मुझसे क्या चाहते हैं ? वे चाहते हैं कि पहले तुम अपने-आपको पा लो,…
सूर्यालोकित पथ का ऐसे लोग ही अनुसरण कर सकते हैं जिनमें समर्पण की साधना करने…
एक चीज़ के बारे में तुम निश्चित हो सकते हो - तुम्हारा भविष्य तुम्हारें ही…