रूपान्तर


भगवती श्री माँ दर्शन देते हुई

जो रूपान्तर के लिये तैयार हैं वे उसे किसी भी जगह कर सकते हैं। और जो तैयार नहीं है वे जहां कही भी हो नहीं कर सकते ।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -३)


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