Home श्री माँ के वचन रति 1 वर्ष ago 1 वर्ष ago श्री माँ के वचन रति by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago आत्म-रति भयानक बाधा है । प्रभु-रति महान उपचार है । संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६) Post PaginationPrevious PostPreviousNext PostNext परम प्रभु, श्रीमातृवाणी खण्ड-१७, बाधा, उपचार Posted by श्री माँ 0 Comments जवाब रद्द करेंYou must be logged in to post a comment. Previous Post चैत्य के साथ आरोहण by श्रीअरविंद Next Post शक्ति की प्रभावकारिता by श्रीअरविंद
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