मिथ्यात्व का नोटिस


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

अब अपनी प्राण-सत्ता के द्वार पर यह नोटिस लगा दो : ‘अब यहाँ किसी मिथ्यात्व का आना माना है।’ और फिर वहाँ एक संतरी बैठा दो जो यह देखे कि इस नोटिस के अनुसार कार्य हो रहा है ।

संदर्भ : माताजी के विषय में 


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