माता-पिता के प्रति कर्तव्य


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

माताजी, क्या यह सच नहीं है कि पुत्र अपने पिता की सेवा करने के लिए बाध्य है ?

एकमात्र उसी को  – जिसने स्वयं को पूर्ण रूप से भगवान के अर्पण कर दिया हो – यह अधिकार होता है कि वह अपने माता-पिता के प्रति अपने कर्तव्य को न निभाये ।

संदर्भ : श्रीमाँ के साथ शांति दोशी का पत्र-व्यवहार 


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