प्रश्न-जब साधक में न तो अभीप्सा ही उठती हो, न कोई अनुभूति ही होती हो, तब उसे साधना जारी रखने के लिए क्या करना चाहिये?
उत्तर-माताजी का स्मरण करे, शान्त रहे और पुकारे।
संदर्भ : माताजी के विषय में
प्रश्न-जब साधक में न तो अभीप्सा ही उठती हो, न कोई अनुभूति ही होती हो, तब उसे साधना जारी रखने के लिए क्या करना चाहिये?
उत्तर-माताजी का स्मरण करे, शान्त रहे और पुकारे।
संदर्भ : माताजी के विषय में
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