यह मानना भ्रान्ति या अन्धविश्वास है कि कोई बाहरी चीज या परिस्थिति किसी भी चीज का कारण हो सकती है। सभी चीजें और परिस्थितियां उस परम शक्ति के साथ आने वाले परिणाम होती हैं जो परदे के पीछे से कार्य करती है।
‘शक्ति’ क्रिया करती है और प्रत्येक वस्तु अपनी प्रकृति के अनुसार प्रतिक्रिया करती है।
सन्दर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
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