भौतिक जीवन


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ अपने कक्ष में

अपने भौतिक जीवन से संतोष की कोई आशा न करो और तुम उसके साथ बंधे न रहोगे ।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)


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