मैं अनुभव से जानती हूँ कि भोजन कम कर देने से नींद सचेतन नहीं हो जाती ; शरीर बेचैन हो उठता है लेकिन यह चीज़ किसी तरह चेतना को नहीं बढ़ाती। अच्छी, गहरी और शांत नींद में ही तुम अपने किसी गंभीर भाग के संपर्क में आ सकते हो ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-३)
मैं अनुभव से जानती हूँ कि भोजन कम कर देने से नींद सचेतन नहीं हो जाती ; शरीर बेचैन हो उठता है लेकिन यह चीज़ किसी तरह चेतना को नहीं बढ़ाती। अच्छी, गहरी और शांत नींद में ही तुम अपने किसी गंभीर भाग के संपर्क में आ सकते हो ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-३)
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