भारत को जगत् का आध्यात्मिक नेता होना ही चाहिये । अन्दर तो उसमें क्षमता है, परन्तु बाहर… अभी तो सचमुच जगत् का आध्यात्मिक नेता बनने के लिए बहुत कुछ करना बाकी है।अभी ऐसा अद्भुत अवसर है ! पर…
हे भारत, ज्योति और आध्यात्मिक ज्ञान के देश ! संसार में अपने सच्चे लक्ष्य के प्रति जागो, ऐक्य और सामञ्जस्य की राह दिखलाओ।
भारत आधुनिक मानवजाति की सभी कठिनाइयों की प्रतीकात्मक प्रस्तुति बन गया है।
भारत ही उसके पुनरुत्थान का, एक उच्चतर और सत्यतर जीवन में पुनरुत्थान का देश होगा।
सारी सृष्टि में धरती का एक प्रतिष्ठित विशेष स्थान है, क्योंकि अन्य सभी ग्रहों से भिन्न, वह विकसनशील है और उसके केन्द्र में एक चैत्य सत्ता है। उसमें भी, विशेष रूप से भारत, भगवान् द्वारा चुना हुआ एक
विशेष देश है।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
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