भागवत विरक्ति


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

मधुर मां, “भागवत विरक्ति” क्या है?

ओह, मेरे बच्चे! (मौन) यह ऐसी विरक्ति है जो असीम करुणा से भरपूर है। यह ऐसी चीज़ है जो खराब स्पन्दनों को अपने ऊपर ले लेती है ताकि दूसरे उससे मुक्त हो जायें। परिणाम… (मौन) ग़लत और निम्न गतिविधि -के परिणाम को-क्रूर न्याय के साथ भूल करने वाले पर फेंकने की जगह, यह उसे आत्मसात् कर लेती है ताकि उसे अपने अन्दर परिवर्तित कर सके, और की गयी भूल के भौतिक परिणामों को यथासम्भव कम कर दे। मेरा ख़याल है कि भगवान् शिव की वह पुरानी कहानी इस भागवत विरक्ति को अभिव्यक्त करने का कल्पनात्मक तरीका है, जिसमें उनके गले पर एक काला दाग पड़ गया था क्योंकि उन्होंने जगत् में जो कुछ अशुभ था उसे निगल लिया था। इससे उनके गले पर काला दाग पड़ गया।

संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५४


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