भागवत कृपा पर भरोसा


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

… यदि किसी में बिलकुल ही कोई ज्ञान न हो पर भागवत कृपा पर भरोसा हो, यदि उसमें यह श्रद्धा हो कि इस जगत में भागवत “कृपा” जैसी कोई वस्तु है, और यह कोई वस्तु किसी प्रार्थना, किसी अभीप्सा, किसी पुकार का उत्तर दे सकती है, तो, अपनी मानसिक रचना बनाने के बाद, यदि कोई उसे ‘कृपा’ को अर्पित कर दे और उस शक्ति में अपना विश्वास रखे, उससे हस्तक्षेप करने की याचना करे और यह विश्वास बनाये रखे कि वह हस्तक्षेप करेगी, तो निस्संदेह उसे सफलता पाने का अवसर मिलेगा।

कोशिश करो, और तुम स्पष्ट रूप में उसका परिणाम देखोगे ।

संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५६


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