कृपया बतलाइये कि मैं अपने अतीत से कैसे पिण्ड छुड़ा सकता हूँ, जो इतने जोर से चिपका रहता है ।
अतीत से पिण्ड छुड़ाना इतना कठिन काम है कि वह लगभग असम्भव मालूम होता है।
लेकिन अगर तुम बिना कुछ बचाये हुए अपने-आपको पूरी तरह भविष्य को सौंप दो और अगर यह सौंपना हमेशा नया होता रहे तो अतीत अपने-आप झड़ जायेगा और तुम्हारे लिए भार न बनेगा ।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
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