भगवान की सेवा


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ का संदेश

भगवान की सेवा से बढ़ कर और कोई हर्ष नहीं हो सकता।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)


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