उनकी कृपा का स्पर्श कठिनाई को सुयोग में, विफलता को सफलता में और दुर्बलता को अविचल बल में परिणत कर देता है । भगवती माँ की कृपा परमेश्वर की अनुमति है, आज हो या कल, उसका फल निश्चित है , पूर्वनिर्दिष्ट अवश्यंभावी और अनिवार्य है ।
संदर्भ : माताजी के विषय में
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