आज सवेरे मैं पाँच मिनट काम करके ही थक गया। काम था बस फ़र्निचर पर पॉलिश करना !
सभी शारीरिक कामों में कई बार शुरू में थकान आती ही है। लेकिन धीरे-धीरे शरीर को उसका अभ्यास हो जाता है और वह मजबूत हो जाता है। फिर भी, यदि तुम सुचमुच थकान का अनुभव करते हो तुम्हें काम बंद करके आराम करना चाहिये।
थके बिना काम करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि चाहे जो भी काम हो उसे भगवान के अर्पण कर दो और तुम्हें जिस सहारे की जरूरत है उसे भगवान में ही पाओ – क्योंकि भगवान की शक्ति अपार है और ‘उन्हें’ जो कुछ भी सच्चाई के साथ अर्पित किया जाये ‘वे’ हमेशा उसका उत्तर देते है ।
हाँ, तो जब तुम यह अनुभव करो कि तुम्हारें अंदर और तुम्हारें द्वारा भगवान कि शक्ति ने काम किया है तो अपनी सच्चाई से तुम जानो कि श्रेय ‘उनको’ है तुम्हें नहीं। अतः गर्व करने के लिए कोई कारण नहीं रहता।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…