प्राण है हमारी शक्ति, ऊर्जा , उत्साह तथा प्रभावशाली गति का आसन , लेकिन उसे व्यवस्थित प्रशिक्षण की जरूरत होती है ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
प्राण है हमारी शक्ति, ऊर्जा , उत्साह तथा प्रभावशाली गति का आसन , लेकिन उसे व्यवस्थित प्रशिक्षण की जरूरत होती है ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
0 Comments